Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2014

Happy Holi ~ 2014 :-

जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की। और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की। परियों के रंग दमकते हों तब देख बहारें होली की। ख़ूम शीश-ए-जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की। महबूब नशे में छकते हो तब देख बहारें होली की।   देख बहारें होली की :- नज़ीर अकबराबादी जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की। और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की। परियों के रंग दमकते हों तब देख बहारें होली की। ख़ूम शीश-ए-जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की। महबूब नशे में छकते हो तब देख बहारें होली की। हो नाच रंगीली परियों का, बैठे हों गुलरू रंग भरे कुछ भीगी तानें होली की, कुछ नाज़-ओ-अदा के ढंग भरे दिल फूले देख बहारों को, और कानों में अहंग भरे कुछ तबले खड़कें रंग भरे, कुछ ऐश के दम मुंह चंग भरे कुछ घुंगरू ताल छनकते हों, तब देख बहारें होली की गुलज़ार खिलें हों परियों के और मजलिस की तैयारी हो। कपड़ों पर रंग के छीटों से खुश रंग अजब गुलकारी हो। मुँह लाल, गुलाबी आँखें हो और हाथों में पिचकारी हो। उस रंग भरी पिचकारी को अंगिया पर तक कर मारी हो। सीनों से रंग ढलकत

रसिया रस लूटो होली में :-

रसिया रस लूटो होली में, राम रंग पिचुकारि, भरो सुरति की झोली में हरि गुन गाओ, ताल बजाओ, खेलो संग हमजोली में मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में होरी के ई धूमि मची है, सिहरो भक्तन की टोली में    गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार होली में बुझे दिल की लगी भी तो ऐ यार होली में नहीं ये है गुलाले-सुर्ख उड़ता हर जगह प्यारे ये आशिक की है उमड़ी आहें आतिशबार होली में गुलाबी गाल पर कुछ रंग मुझको भी जमाने दो मनाने दो मुझे भी जानेमन त्योहार होली में है रंगत जाफ़रानी रुख अबीरी कुमकुम कुछ है बने हो ख़ुद ही होली तुम ऐ दिलदार होली में रस गर जामे-मय गैरों को देते हो तो मुझको भी नशीली आँख दिखाकर करो सरशार होली में