***प्रातःकालीन न्यायालय का समय 2003 में जब मैंने वाराणसी कचहरी में वकालत करना शुरू किया था तो तत्समय 06:30 से 12:30 तक हुआ करता था। वर्ष 2014 में हाईकोर्ट ने प्रातःकालीन न्यायालय को समाप्त कर दिया जिसके विरोध में 2014 के माह मई/जून कोई कार्य नहीं हुआ अर्थात दो माह प्रातःकालीन न्यायालय के लिए आंदोलन स्वरुप बनारस व अन्य जिलों के अधिवक्ता संघों ने कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया। 2014 के आंदोलन का असर रहा कि 2015 में हाईकोर्ट से प्रातःकालीन न्यायालय का समय 8:30 से 2:30 प्रस्तावित किया गया और प्रातःकालीन समय न स्वीकार करने के दशा में न्यायालय की समयावधि 10:00 से 5:00 रहने की बात भी कही गयी थी। हाईकोर्ट के प्रस्ताव पर सेन्ट्रल बार एसोसिएशन में 2015 में संयुक्त बार की बैठक हुयी, जिसमें निर्णय हुआ कि 8:30 से 2:30 समय अस्वीकार है और विरोध स्वरूप हर माह की 28 तारीख को अधिवक्ता बंधु कार्य से विरत रहेंगे और 10 से 5 कार्य करेगें। यह क्रम सालभर चलता रहा। परन्तु किसी भी पदाधिकारी चाहे वह बार संघ अथवा बार काउंसिल का हो, ने यह विचार नहीं किया कि हाईकोर्ट के इस निर्णय को बुन्देलखण्ड व पूर्व
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