सुप्रीम कोर्ट ने पांच जुलाई को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह चुनाव घोषणापत्र की विषयवस्तु के संबंध में दिशानिर्देश और नियम-कानून तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर घोषणापत्र चुनाव की अधिसूचना की घोषणा से पहले जारी हो जाता है तो इसे आचारसंहिता के दायरे में लाया जाना चाहिए। स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत आया है, जो चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी देता है। चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। यदि इस आदेश का ईमानदारी से पालन किया जाए तो राजनीतिक दलों की अलगाववादी राजनीति और खैरात बांटने की प्रवृत्तिपर अंकुश लगेगा। भारत में राजनीतिक दल देश या राज्य की वित्ताीय स्थिति की अनदेखी कर मुफ्त सुविधाएं देने की घोषणा करते हैं। अमेरिका में चुनाव के दौरान उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले वित्ताीय प्रकृति के तमाम वायदों की मीडिया और बुद्धिजीवी कड़ी पड़ताल करते हैं और टीवी पर चलने वाली खुली बहस में उम्मीदवारों को इन घोषणाओं के बारे में स्पष्टीकरण देना पड़ता है। भारत में राजनीतिक दलों क...