यह ताे अच्छी पहल है, जिसे काफी संघर्ष और बलिदान के बाद हम अधिवक्ताओं ने प्राप्त किया है। आश्चर्य की बात यह है कि, सिर्फ 17 लाेगाें काे चेक दिया जायेगा। जबकि 20 कराेड़ रूपये इस कार्य के लिए आबंटित है। अर्थात 400 मृत अधिवक्ताओं के परिजन लाभान्वित हाे सकते हैं। ताे फिर सिर्फ 17 क्याें...??? यह बार काउंसिल के सदस्याें व महाधिवक्ता काे स्पष्ट करना चाहिए। क्या वाराणसी के किसी मृत अधिवक्ता के परिजन काे भी 5 लाख का चेक मिल रहा है...??? यह प्रश्न इसलिए क्योंकि वाराणसी से तीन सदस्य बार काउंसिल अॉफ उत्तर प्रदेश में हैं और वे मृतक अधिवक्ताओं के प्रति जवाबदेह भी माने जा सकते हैं, यदि वे ऐसा समझते हाे ताे।