Thursday, 5 December 2013

मालिक

कल जहा॓ नमाज अदा होती थी,
आज वहा॓ घण्टिया॓ बजती है...!
कल जहा॓ आरती होती थी,
आज वहा॓ अजान होती है...!!
इबादत तो वो भी थी,
इबादत तो ये भी है...!!!
मालिक तो तेरा भी वो ही है,
मालिक मेरा भी वो ही है...!!!!

No comments:

Post a Comment

विवेकानंद प्रवास स्थल - गोपाल विला, अर्दली बाजार, वाराणसी :: बने राष्ट्रीय स्मारक।

स्वामी विवेकानंद का वाराणसी से गहरा संबंध था। उन्होंने वाराणसी में कई बार प्रवास किया, जिनमें 1888 में पहली बार आगमन और 1902 में अंतिम प्रवा...