Thursday, 23 April 2015

शंकराचार्य एवं साईं विवाद:- सबका मालिक प्रेम।।

विगत कुछ माह से सम्पूर्ण भारत में एक विवाद हाे रहा है कि साईं ये नहीं हैं, साईं वाे नहीं हैं आदि आदि।
परन्तु उसके बाद भी ऐसा क्यूँ हाे रहा है कि शिरणी साईं मंदिर में भक्ताें का दान दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। विभिन्न शहरों व देशों में साईं मंदिर क्याें बनते जा रहे हैं?
मन में प्रश्न जागा कि ऐसा क्यों हाे रहा है...???
काफी विचार व चिन्तन करने के बाद एक निष्कर्ष निकला है, जिसकाे सभी से साझा कर रहा हूँ....... कुछ गलत लगे ताे क्षमा प्रार्थी हूँ...!!!
हम सभी भारतीय कभी भी किसी संत, महात्मा अथवा परम पूज्य शंकराचार्य काे "तू" कह कर सम्बाेधित नहीं कर सकते और यदि किसी मूर्ख ने यह दुस्साहस कर दिया ताे उसके विरुद्ध काेर्ट में मान-हानि का मुकदमा तक हाे सकता है।
वहीं दूसरी ओर...
साईं के मंदिर में लाेग कहते हैं, "तू ही फकीर, तू ही है राजा, तू ही है साईं, तू ही है बाबा" काेई भी - साईं संस्थान वाले, बाबा के भक्त या और काेई यहां "तू" का ना ताे बुरा मानता है और ना ही काेई मान-हानि का मुकदमा करता है।
भक्ति में प्रेम हाेता है, अपनापन हाेता है, लगाव हाेता है, प्रेम में विश्वास हाेता है, स्मरण हाेता है और सबसे महत्वपूर्ण तथ्य प्रेम का यह हाेता है कि प्रेम में काेई नियम कायदा नहीं हाेता है।
इसीलिए साईं के भक्त प्रेम व विश्वास में "तू ही फकीर, तू ही है राजा, तू ही है साईं, तू ही है बाबा" कहते हुये दान करते चले जा रहे हैं।
और बाकी काेठरी से पुराने सक्के निकाल कर उसकाे प्रदर्शित करने काे मजबूर हैं।
परम पिता परमेश्वर अर्थात् हम सबके मालिक का प्रेम बन्धन मुक्त हाेता है और वहां हम अपने गुरू काे, अपने प्रभु काे प्रेम में "तू" भी कह देते हैं।
राधे राधे।
मुझे मेरे रब में मेरा महबूब दिखता है।
मेरे महबूब में ही मुझे मेरा रब दिखता है।
उपर्युक्त दाेनाें वाक्यों में काेई भेद है क्या...???

Friday, 10 April 2015

11 लाख फर्जी पेंशनराें का भंडाफोड़:-

एक ओर सरकार वकीलाें की लम्बित मांग "अधिवक्ता पेंशन (कल्याणकारी) याेजना" का लाभ नहीं दे रही है जबकि 2012 विधानसभा चुनाव के वक्त स.पा. ने वादा भी किया था और दूसरी ओर अन्य सरकारी पेंशन याेजनाओं में फर्जी लाेगाें काे 5 अरब 20 कराेड़ रूपये सलाना पूर्व में बांट डाले हैं।
भला हाे अॉनलाइन रूपये हस्तांतरण याेजना (PFMS) का नहीं ताे इस वित्तीय वर्ष भी हाेता आर्थिक नुकसान।

क्या सरकार इस बचत का लाभ अधिवक्ता समाज काे देगी...???
अधिवक्ता पेंशन (कल्याणकारी) याेजना लागू करके...???

एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 40: आदेश पर रोक (Stay of Order)

एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 40: आदेश पर रोक (Stay of Order) यह प्रावधान एक अधिवक्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) ...