Tuesday, 21 July 2015

कचहरी हमारा "व्यवहारिक विश्वविद्यालय":-

काली अंधियारी रात में एक छाेटा सा चिराग दूर तक अपना प्रकाश पहुंचाकर अपने नन्हें से जीवन काे सफल बनाता है।
इसी तरह इस कलयुगी दुनिया में मानवता आैर प्रकृति काे समर्पित कर किया गया एक छोटा सा कार्य, दूर तक संदेश देकर जागरण के मार्ग काे प्रशस्त करते हुये मानव जीवन काे सफल बनाता है।
काेई कार्य छाेटा-बड़ा नहीं हाेता,
हर कार्य प्रभु द्वारा प्रदत्त है।

वरिष्ठ अधिवक्ताआें काे मृत्योपरान्त भी कचहरी अपने ह्रदय 'बार एसाेसिएशन' में उन्हें सदैव जीवित रखती हैं। यह हम अगली पीड़ी के अधिवक्ताआें के संस्कार हैं और यह संस्कार हमें अपने वरिष्ठाें से प्राप्त हुये हैं। कचहरी हमारा "व्यवहारिक विश्वविद्यालय" जिसने हमें व्यवहार एवं सत्र न्यायालय में काम करने लायक बनाया है।

Thursday, 16 July 2015

साेच का ढंग:-

दाे दिन से तबीयत खराब थी। जरूरी काम व मीटिंग में उपस्थित नहीं हाे सका। आज 15.07.2015 की सुबह 10:00 बजे बिना खाये घर से काेर्ट गया और पूरे दिन काम किया। शाम में चेम्बर कर जब 11:00 दही चावल का पहला निवाला मुंह में डालने काे हुआ ताे पुत्र अश्वथ ने पानी मांगा। मैंनें उसे व मां काे एक-एक ग्लास पानी दिया और फिर पहला निवाला ग्रहण किया।
मन में विचार आया,
"दिनभर के बाद भाेजन भी सुकून से नहीं कर सकता, पापा पानी।"
परन्तु दूसरे ही क्षण विचार आया,
"बीमारी में ही सही दिनभर के बाद निवाला ग्रहण करने के पूर्व अन्नपूर्णा रूपी मां व गणेश रूपी पुत्र काे जल पात्र देकर अन्न ग्रहण करने का अवसर परम पिता परमेश्वर ने दिया यह मेरा साैभाग्य है तथा यह घटना कही ना कही दायित्व का बोध भी करा गयी।"
बाबा कृपा सब पर बनी रहे। त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी।

Wednesday, 8 July 2015

"अहम्" - मैं श्रेष्ठ हूँ

विधि संदेश 'काशी' -  अष्टम संस्करण  || Vidhi Sandesh 'Kashi' - 8th Edition
http://vidhisandeshkashi.blogspot.in/2015/07/blog-post.html 

न्यायिक अधिकारियों के कितने पद खाली हैं, भारत में (as on 20.03.2025) by #Grok

भारत में न्यायिक अधिकारियों के रिक्त पदों की संख्या समय-समय पर बदलती रहती है, क्योंकि यह नियुक्तियों, सेवानिवृत्ति, और स्वीकृत पदों की संख्य...