Friday, 27 January 2017

'मान' के भाव:-

गांधी के विचार व चिंतन को जो छोड़ चला
वह बापू के प्रतीक को पर्दे में छुपा के चला
छद्म ही तो है 'मान' सब खेल राजनीति के!
#AdvAnshuman
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खड़ा है जिस जमीन पर वो न उसकी है न मेरी है,
फिर भी दिवाने की बातों में तेवर अभी बाकी है,
समय कब रुसवा होगा न खबर थी दिवाने को,
नहीं तो 'मान' पगला कबका तोड़ देता पैमाने को!
#AdvAnshuman

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