Saturday, 20 July 2013

आज के दिन : अंशुमान

खिला है, फूल चमन में हमारे, आज ही के दिन
महका है, चमन हमारा, आज ही के दिन।

हुआ है, सपना पूरा हमारा, आज ही के दिन
नम हुई हैं, आंखे हमारी, आज के ही दिन
क्योकि मिली है, सपने से हकीकत, आज ही के दिन।

ज़िंदगी की शुरुआत हुई है, आज ही के दिन
पाई है, मंजिल हमने, आज ही के दिन
दिया है, नाम नया प्यार को तुमने, आज ही के दिन
खिला है, फूल बनकर प्यार हमारा, आज ही के दिन
क्योकि मिली है, सपने से हकीकत, आज ही के दिन।

राम ने चूमा है, सीता का माथा, आज ही के दिन
कृष्ण ने थामा है, राधा का दामन, आज ही के दिन
मीरा हुई है, मगन श्याम के रंग, आज ही के दिन
क्योकि मिली है, सपने से हकीकत, आज ही के दिन।

प्यार के रंगों का एहसास मिला है हमको, आज ही के दिन
छुटा था जो दामन, थामा है फिर से उसको, आज ही के दिन
जुदा था जो, गले लगाया है उसको, आज ही के दिन
दर्द के एहसास को बनाया है, प्यार हमने, आज ही के दिन
क्योकि मिली है, सपने से हकीकत, आज ही के दिन

खिला है, फूल चमन में हमारे, आज ही के दिन
महका है, चमन हमारा, आज ही के दिन।


नोट: मैंने यह कविता अपने बेटे "Ashwath" (Aashi) के 03-05-2003 को पैदा होने के बाद दिनाक 04-05-2005 को लिखी थी, जिसमें सुधार "Anika" (Gauri) के 10-04-2011 को पैदा होने के बाद 01-12-2011 को पूनम के साथ  किया था।

अधिवक्ता हित में अंशुमान दुबे, अधिवक्ता का प्रस्ताव को समर्थन :-

वाराणसी न्यायलय परिसर स्थित दोनों बार संघों ने राज्य विधिज्ञ परिषद् उत्तर प्रदेश के प्रस्ताव का पर चर्चा करने के लिए दिनांक 19-07-2013 को एक संयुक्त बैठक दी बनारस बार के सभागार में आहूत की, जिसमें अंशुमान दुबे, अधिवक्ता ने अपने विचार रखे. 
 
दी बनारस बार के पत्र की प्रति :-

Web Link :-

Sunday, 21 April 2013

अधिवक्ताओं के लिए शीघ्र लागू हो पेंशन योजना - अंशुमान दुबे, अधिवक्ता

अंशुमान दुबे, अधिवक्ता का "अधिवक्ता पेंशन योजना - एक आंदोलन" की website "http://advocatepension.blogspot.in/"   पर अधिवक्ता पेंशन योजना के लिए प्रदेश के समस्त अधिवक्ता बंधुओं से निवेदन :-


Thursday, 28 March 2013

"सेवक" बने "प्रबंधक" होली में :-

" नेता व सभी सरकारी कर्मचारी जनता के सेवक हैं "
उपरोक्त कथन सत्य है, इसमें कोई संदेह नहीं है, परन्तु यह सत्य  21वी सदी के हिसाब से थोडा पुराना है। इसमें समय के हिसाब से बदलाव आवश्यक है...
परिवर्तन निम्न है :-
"सेवक" के स्थान पर "प्रबंधक"
" नेता व सभी सरकारी कर्मचारी जनता के प्रबंधक (Manager) हैं "

प्रबंधक के प्रकार:-
टैक्स लेने वाले प्रबंधक, वोट लेने वाले प्रबंधक, सड़क बनवाने वाले प्रबंधक, तेल के दाम में वृद्धि करने वाले प्रबंधक, कानून व्यवस्था बनाये रखने वाले प्रबंधक, कानून बनाने वाले प्रबंधक, साफ़-सफाई करने वाले प्रबंधक,  आदि आदि....!!

आदरणीय श्री अन्ना हजारे से विनम्र निवेदन है कि कृपया "सेवक" के स्थान पर "प्रबंधक" शब्द का प्रयोग करे, तो शायद नेताओ व सभी सरकारी कर्मचारियों को सम्मानजनक लगेगा और उनको अन्ना की जन कल्याण की भावना समझ में आ जाये....!!!

सभी का धन्यवाद...!!!
सभी भारत वंशियों को होली की हार्दिक शुभकामनाओं
के साथ आपका
अंशुमान दुबे
अधिवक्ता

Thursday, 24 January 2013

Anshuman Dubey : Achievements-2012 (अंशुमान दुबे : उपलब्धियाँ 2012)


Adv. Anshuman Dubey (Vice-President-2012) taking Smriti-Chinh from Adv. V. P. Singh (President-2013) at The Banaras Bar Association Central Hall on 24-12-2012.  



Anshuman Dubey
Achievements in 2012
(अंशुमान दुबे : उपलब्धियाँ 2012)

Saturday, 19 January 2013

अंशुमान दुबे (अधिवक्ता) के प्रस्ताव पर शहीदों की याद में दीप प्रज्वलित किये गए :-

 अंशुमान दुबे (अधिवक्ता) के प्रस्ताव पर दी बनारस बार एसो0, वाराणसी के सभागार में तिथि 19-01-2013 को आम सभा की बैठक आहूत की गयी। जिसमें भारतीय सेना के शहीद जवानों लांस नायक सुधाकर सिंह एवं लांस नायक हेमराज की शहादत को अधिवक्ताओं ने नमन: किया गया और शहीदों की याद में दीप प्रज्वलित किये गए।  



 



विवेकानंद प्रवास स्थल - गोपाल विला, अर्दली बाजार, वाराणसी :: बने राष्ट्रीय स्मारक।

स्वामी विवेकानंद का वाराणसी से गहरा संबंध था। उन्होंने वाराणसी में कई बार प्रवास किया, जिनमें 1888 में पहली बार आगमन और 1902 में अंतिम प्रवा...