Sunday, 2 November 2025

एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 40: आदेश पर रोक (Stay of Order)

एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 40: आदेश पर रोक (Stay of Order)
यह प्रावधान एक अधिवक्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) द्वारा पारित आदेश को रोकने (या उस पर स्टे लगाने) से संबंधित है।
मूल सिद्धांत: धारा 37 या धारा 38 के तहत दायर की गई अपील (क्रमशः बार काउंसिल ऑफ इंडिया या सुप्रीम कोर्ट में) अपने आप में उस आदेश के निष्पादन पर रोक नहीं लगाती है जिसके खिलाफ अपील की गई है।
रोक लगाने की शक्ति: बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति या सुप्रीम कोर्ट, जैसा भी मामला हो, उचित कारण होने पर, ऐसे आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दे सकता है और इसके लिए शर्तें भी लगा सकता है।
अपील से पहले रोक: यदि अपील दायर करने की समय सीमा समाप्त होने से पहले रोक के लिए आवेदन किया जाता है, तो स्टेट बार काउंसिल या बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति उचित कारण पाए जाने पर अंतरिम रोक लगा सकती है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियमों का नियम 40 (कल्याण कोष)

बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियमों का नियम 40 (कल्याण कोष) यह नियम आमतौर पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के नियमों के भाग VI, अध्याय II, धारा IV-A के तहत आता है, और यह अधिवक्ताओं के कल्याण कोष से संबंधित है।
अनिवार्य अंशदान: यह नियम प्रत्येक अधिवक्ता को, जिस स्टेट बार काउंसिल की रोल में उनका नाम दर्ज है, उसे एक निश्चित राशि का अंशदान (आवधिक रूप से या एकमुश्त जीवन भर के लिए) देने के लिए बाध्य करता है।
उद्देश्य: इस एकत्रित राशि का उपयोग एडवोकेट्स वेलफेयर फंड (Advocates Welfare Fund) के लिए किया जाता है, जिसका उद्देश्य गंभीर बीमारी, मृत्यु, या अन्य कठिनाइयों के मामलों में अधिवक्ताओं या उनके परिवारों को वित्तीय सहायता और कल्याणकारी लाभ प्रदान करना है।
परिणाम: इस अनिवार्य अंशदान का भुगतान न करने वाले अधिवक्ता आमतौर पर कल्याणकारी योजनाओं के लाभों और विशेषाधिकारों के हकदार नहीं होते हैं।

Saturday, 5 July 2025

विवेकानंद प्रवास स्थल - गोपाल विला, अर्दली बाजार, वाराणसी :: बने राष्ट्रीय स्मारक।

स्वामी विवेकानंद का वाराणसी से गहरा संबंध था। उन्होंने वाराणसी में कई बार प्रवास किया, जिनमें 1888 में पहली बार आगमन और 1902 में अंतिम प्रवास शामिल है। 1888 में, उन्होंने वाराणसी में उन स्थानों का दौरा किया जहाँ गौतम बुद्ध और आदि शंकराचार्य ने उपदेश दिए थे, साथ ही भूदेव मुखोपाध्याय और त्रैलंग स्वामी जैसे विद्वानों से भी मिले थे। 1902 में, अपने अंतिम प्रवास के दौरान, उन्होंने "गोपाल विला" में 35 दिन बिताए और स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया। 
वाराणसी में स्वामी विवेकानंद के प्रवास:
पहला प्रवास (1888):
स्वामी विवेकानंद ने 1888 में वाराणसी की अपनी पहली यात्रा में, गौतम बुद्ध और आदि शंकराचार्य के उपदेश स्थलों का दौरा किया, और भूदेव मुखोपाध्याय तथा त्रैलंग स्वामी जैसे विद्वानों से मुलाकात की। 
1890 में वाराणसी:
1890 में, उन्होंने वाराणसी की एक और यात्रा की, जो 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में उनकी ऐतिहासिक उपस्थिति से पहले की थी। 
1902 में अंतिम प्रवास:
1902 में, अपने अंतिम प्रवास के दौरान, स्वामी विवेकानंद "गोपाल विला" में लगभग 35 दिनों तक रहे, जहाँ उन्होंने स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया और "सेवा का घर" (सेवाश्रम) की स्थापना में मदद की। 
गोपाल विला:
"गोपाल विला" में उनके प्रवास के दौरान, उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया जो एक संघ शुरू कर रहे थे और शहर के गरीब और बेसहारा रोगियों की सेवा कर रहे थे। 
केदारेश्वर मंदिर:
स्वामी विवेकानंद को केदारेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी ने व्यक्तिगत रूप से मंदिर में आमंत्रित किया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। 
अंतिम यात्रा:
यह उनकी अंतिम यात्रा थी, जिसके बाद 4 जुलाई 1902 को बेलूर मठ में उनका निधन हो गया। 
वाराणसी से संबंध:
माता का काशी आगमन:
स्वामी विवेकानंद की मां भुवनेश्वरी देवी ने पुत्र प्राप्ति के लिए वाराणसी के वीरेश्वर मंदिर में प्रार्थना की थी। 
बाल्यावस्था:
स्वामी विवेकानंद का जन्म काशी में ही हुआ था और उनका बचपन का नाम वीरेश्वर था। 
ज्ञान प्राप्ति:
वाराणसी प्रवास के दौरान, स्वामी विवेकानंद ने बौद्ध धर्म के बारे में बहुत ज्ञान प्राप्त किया। 
शिकागो जाने की प्रेरणा:
वाराणसी में प्रवास के दौरान, उन्हें शिकागो में विश्व धर्म संसद में भाग लेने की प्रेरणा मिली। 
स्मारक की मांग:
वाराणसी के अर्दली बाजार में स्वामी विवेकानंद के प्रवास स्थल पर एक स्मारक बनाने की मांग की जा रही है। 




एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 40: आदेश पर रोक (Stay of Order)

एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 40: आदेश पर रोक (Stay of Order) यह प्रावधान एक अधिवक्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) ...