चंदे से हाेता है इलाज..... यह है अधिवक्ता की कहानी।
शर्म आती है मुझकाे अधिवक्ता के रूप में अपनी अक्षमता पर।
क्या हमारे बार एसोसिएशन व बार काउंसिल के पदाधिकारियों काे भी शर्म आती है...???
नाेट:- मैं बात कर रहा हूँ, अधिवक्ता चन्द्र माेहन गुप्ता जी की, जाे कबीरचाैरा मंडलीय अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। जरनल वार्ड नं. 1 बेड नं. 16 कृपया मदद करें।
सही है कि Adv Gupta jee के पास व साथ कचहरी का वाेट बैंक नहीं है और इससे भी बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि, उनके तीन पुत्र हैं। जाे इलाज में सहयाेग नहीं कर रहे हैं। यदि सही इलाज नहीं हुआ ताे वे अपंग भी हाे सकते हैं अन्यथा.....।
श्री चन्द्रमाेहन गुप्ता एडवोकेट का परिचय-पत्र।और दुर्गा प्रसाद, एड. द्वारा प्रदत्त चित्र, जिसमें श्री चन्द्रमाेहन जी अपनी पत्नी के साथ अस्पताल में।
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