सत्यता ताे यह है कि वैचारिक रूप से अस्वच्छ लाेगाें काे गांधीवादी विचारधारा की स्वच्छता समझ में नहीं आ रही है, माेदी जी की बाताें पर वही सब कुछ हाे रहा है, जाे गांधी जी की बात पर कांग्रेसियों का था।
गांधी जी की विचारधारा पर चलने के लिए अपने "मैं" काे मारना हाेगा। हमारे प्रधानमंत्री माेदी जी ने ताे "मैं" काे मार दिया है, परन्तु शायद अभी अन्य के "मैं" का मारना बचा है।
गांधी जी की विचारधारा पर अगर भारत चल पडे़ ताे सम्पूर्ण भारत में राम-राम हाे जायेगा।
'गांधी' नाेट में ताे हैं पर 'गांधी' सत्ता की चाेट में नहीं हैं। जिस दिन माेदी जी की तरह 'गांधी' सत्ता की चाेट में आ जायेंगे उस दिन 'गांधी' व 'माेदी' का लाेकतंत्र भारत में हाेगा।
दिनांक ०७-११-२०१४ को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी स्वच्छ भारत अभियान में अस्सी घाट, वाराणसी पर गंगा की मिट्टी साफ़ करते हुए। |
Comments
Post a Comment