जहा में ये पैगाम आम होगा, 
ग़ुरूर वालों का नाम होगा, 
झुका जमाना जिसके आगे,
'मान' का उसको न सलाम होगा! 
अभी अभी वह बड़ा हुआ,
तमीज आने में वक्त लगेगा, 
उठी जो गर्दन उसकी देखों, 
'मान' न सजदे तमाम होगा! 
#AdvAnshuman 
स्वामी विवेकानंद का वाराणसी से गहरा संबंध था। उन्होंने वाराणसी में कई बार प्रवास किया, जिनमें 1888 में पहली बार आगमन और 1902 में अंतिम प्रवा...
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