माननीय सांसद महाेदय जी एवं परम आदरणीय प्रधानमंत्री जी, एक कर्नल अपनी 10 दिनाें की यात्रा में वाराणसी की सड़काे व गड्ढाें, छुट्टा पशुओं, शहर की स्वच्छता व अन्य से बेहाल हाे गये।
"जरा हम काशीवासियाें के विषय में साेचें..?"
हम लाेग ताे इस पावन नगरी में 24x7x365 दिनों रहते हैं।
कर्नल साहब ताे शासन काे गड्ढाें काे भरने के लिए रूपया तक देने काे तैयार हैं।
आज एक काशीवासी हाेने के नाते मैं शर्मिन्दा हूँ आैर कर्नल साहब से क्षमा प्रार्थी हूँ।
शर्म कराे नगर निगम, वी.डी.ए., पी.डब्ल्यू.डी.,.... SORRY गलती हाे गई..... 'शर्म' शब्द ताे इनके शब्दकाेष में है ही नहीं।
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