राेता है बच्चा ताे राेने दाे, आँसू काे उसके बहने दाे।
तुम मुस्करते हुये हाथ फैलाकर चाैखटाें पर जाते रहाे।।
दर्द का क्या मिट जायेगा, घाव का क्या भर जायेगा।
तुम जिन्दगी में उनकी बबूल की शाखें बिछाते चलाे।।
जले आशियानें बन जायेगें, बुझे चूल्हें जल जायेंगे।
खराब है दाैर 'मान' बिताया कराे रात अपने आशियानें में।।
*********अंशुमान दुबे 'मान'
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