॥ ॐ ॥
सुख, शान्ति एवं समृध्दि की मंगलमयी कामनाओं के साथ आपकाे एवं आपके परिजन व मित्राें को "नववर्ष-2016" की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपका
एड. अंशुमान दुबे
पूर्व उपाध्यक्ष
दी बनारस बार एसोसिएशन, वाराणसी।
#भारतमेराधर्म
"Wish You & Your Family A Very Happy & prosperous New Year 2016"
Regards
Anshuman Dubey (Advocate)
9415221561
वशिष्ठ जी भगवान श्रीराम के वनवास प्रकरण पर भरत जी को समझाते हैं, इस अवसर पर बाबा तुलसीदास जी ने श्री रामचरितमानस की एक चौपाई में बहुत ही सुन्दर ढंग से लिखा हैं कि, "सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेहुँ मुनिनाथ। हानि, लाभ, जीवन, मरण, यश, अपयश विधि हाथ।" इस प्रकरण पर सुन्दर विवेचन प्रस्तुत हैं बाबा तुलसीदास जी ने कहा है कि, "भले ही लाभ हानि जीवन, मरण ईश्वर के हाथ हो, परन्तु हानि के बाद हम हारें न यह हमारे ही हाथ है, लाभ को हम शुभ लाभ में परिवर्तित कर लें यह भी जीव के ही अधिकार क्षेत्र में आता है। जीवन जितना भी मिले उसे हम कैसे जियें यह सिर्फ जीव अर्थात हम ही तय करते हैं। मरण अगर प्रभु के हाथ है, तो उस परमात्मा का स्मरण हमारे अपने हाथ में है।" @KashiSai
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