क्या बात है, आज के आंदोलन में... जागृति उत्तम है। परन्तु लगता है कि बार काउंसिल के सारे सदस्य आंदोलन में शामिल नहीं हैं, क्योंकि कई सदस्य आंदोलन में उपस्थित नहीं थे।
प्रश्न यह उठता है कि, "क्या इस आंदोलन के लिए बार काउंसिल के 25 सदस्य एक मत हैं...???"
* यदि एक मत नहीं हैं ताे फिर, हाे चुका अधिवक्ता कल्याण *
परन्तु हम उम्मीद का दामन नहीं छाेड़ेगें आैर पुनः 27/2 काे आंदोलन करेंगे। अगर किन्हीं कारणों से बार काउंसिल ने आंदोलन काे निरस्त न किया ताे।
हम अधिवक्ताआें की मांगे समय के अनुसार सही है, अब अंग्रेजाें के जमाने की तरह पैसे वाले घराें से लड़के वकालत के पेशे में नहीं आते, अब ताे हर वर्ग, हर धर्म, हर जाति के लड़के लड़कियां आ रहे हैं। इसलिए निम्न मांगाे का पूरा हाेना अति आवश्यक है।
सभी अधिवक्ता मित्रों काे 20/2 के विराेध दिवस में सहयाेग के लिए काेटिश: धन्यवाद।
27/2 काे आंदोलन करना है, पूरी क्षमता के साथ।
मित्रों आपका सहयोग अति आवश्यक व समय की मांग है। जागरूक हाे आैर अन्य मित्रों काे भी जागरूक करें।
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