बार काउंसिल अॉफ उत्तर प्रदेश द्वारा तिथि 27/2/2015 काे विराेध दिवस के रूप में एक दिन का कार्य से विरत प्रस्तावित किया गया जिसमें अधिवक्ता कल्याण हेतु माननीय मुख्यमंत्री काे ज्ञापन डी.एम. अथवा एस.डी.एम. के माध्यम से प्रेषित करना है।
कार्य से विरत में न्यायालयों के साथ-साथ हर जिले के रजिस्ट्री अॉफिस, वाणिज्य कर विभाग, आयकर विभाग, फाेरम एवं समस्त सरकारी विभागों में भी हम सभी अधिवक्ताआें काे कार्य से विरत रहना समय की मांग है।
आर्थिक हानि सरकार काे हम अधिवक्ताआें के कल्याण की याेजना काे लागू करने के लिए प्रेरित करेगी।
इस संदेश काे उत्तर प्रदेश के सभी अधिवक्ताआें के मध्य पहुंचा दे ताकि बार काउंसिल का यह आवाहन पूरा हाे सके।
हम अधिवक्ता दूसराें के अधिकाराें के लिए ताे सदैव लड़ते है परन्तु यह समय पुरानी बातों काे भूलकर बार काउंसिल अॉफ उत्तर प्रदेश के आंदोलन का समर्थन करते हुए समग्र अधिवक्ता कल्याण में कल 27/02/2015 काे कलम-बंद कार्य से विरत रहिए।
धन्यवाद।
निवेदक- आपका
अंशुमान दुबे (अधिवक्ता)
पूर्व उपाध्यक्ष, दी बनारस बार एसाेसिएशन, वाराणसी।
नाेट:- मेरा अपना व्यक्तिगत विचार है कि, "इस आंदोलन का बार काउंसिल के आगामी चुनाव 2016-17 से काेई वास्ता सराेकार नहीं है। यह विशुध्द रूप से सिर्फ आैर सिर्फ अधिवक्ता कल्याण हेतु है, अत: इसमें राजनीति नहीं हाे सकती।"
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