Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2019

महिला कार्यस्थल कानून, 2012 में किन शिकायतों का है प्रावधान:-

कार्यस्थल कानून, 2012 में बताया गया है कि किन परिस्थितियों में एक महिला कार्यस्थल पर किन स्थितियों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है, यह स्थितियां निम्न प्रकार की हो सकती हैं:  * यदि किसी महिला पर शारीरिक सम्पर्क के लिए दबाव डाला जाता है या फिर अन्य तरीकों से उस पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है या बनाया जाता है।   * यदि किसी भी सहकर्मी, वरिष्ठ या किसी भी स्तर के कार्मिक द्वारा उससे यौन संबंध बनाने के लिए अनुरोध किया जाता है या फिर उस पर ऐसा करने के लिए दबाव डाला जाता है।   * किसी भी महिला की शारीरिक बनावट, उसके वस्त्रों आदि को लेकर भद्दी, अशालीन टिप्पणियां की जाती हैं तो यह भी एक कामकाजी महिला के अधिकारों का हनन है।   * किसी भी महिला को किसी भी तरह से अश्लील और कामुक साहित्य दिखाया जाता है या ऐसा कुछ करने की कोशिश की जाती है।  * किसी भी तरह से मौखिक या अमौखिक तरीके से यौन प्रकृति का अशालीन व्यवहार किया जाता है।  कार्यस्थल पर महिलाओं के सम्मान की सुरक्षा के लिए वर्कप्लेस बिल, 2012 भी लाया गया जिसमें लिंग समानता, जीवन और स्वतंत्रता के अधिकारों को लेकर कड़े कानून बनाए गए

देवी देवताओं की आरती के बाद, क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र

हिंदू धर्म को मानने वाले श्रद्धालु मंदिरों में या घरों में होनी वाली दैनिक पूजा विधान में देवी देवताओं की आरती पूर्ण होने के बाद कुछ वैदिक मंत्रों का उच्चारण अनिवार्य रूप से करते है । सभी देवी-देवताओं की स्तुति के मंत्र भी अलग-अलग हैं, लेकिन जब भी यज्ञ या पूजा समपन्न होता है, तो उसके बाद भगवान की आरती की जाती और आरती के पूर्ण होते ही इस दिव्य व अलौकिक मंत्र को विशेष रूप से बोला जाता है । कर्पूरगौरं मंत्र:- कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।। - इस अलौकिक मंत्र के प्रत्येक शब्द में भगवान शिवजी की स्तुति की गई हैं । इसका अर्थ इस प्रकार है- कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले । करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं । संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं । भुजगेंद्रहारम्- इस शब्द का अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं । सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है । अर्थात- जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा क